जिला सोलन  के चन्होल और छड़ोल क्षेत्र में एक प्रेरणादायक कृषि जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया। बारिश की हल्की बौछारों के बावजूद भी मौसम खुला और कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। क्षेत्र के किसान, अपनी खेती की व्यस्तता के बावजूद, कार्यक्रम में समय पर पहुंचे और अपनी सक्रिय भागीदारी से आयोजन को सफल बनाया।

कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र (KVK) के अधिकारियों ने किसानों को जैविक खेती के महत्व, मुफ्त फसल बीमा योजनाओं, तथा रसायनिक बनाम जैविक खेती के लाभ जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। अधिकारियों ने समझाया कि किस प्रकार से जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए लाभदायक है, बल्कि यह भूमि की उर्वरता और फसल की गुणवत्ता में भी सुधार लाती है।

इस अवसर पर किसानों को घरेलू उपायों से फसल की बीमारियों की रोकथाम के तरीके भी बताए गए, ताकि वे महंगी दवाइयों पर निर्भर रहने से बच सकें। इसके अतिरिक्त, विशेषज्ञों ने किसानों को ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद खरीदने के बारे में भी सलाह दी।

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कार्यक्रम में खारसी, खेतपाल, नौती, ठुरा, जाख, डडोल, काटल और निचली गांगुड़ी जैसे गाँवों से किसान उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें माताएं और बहनें भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि अब महिलाएं भी कृषि विकास में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना, उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना, और उनकी खेती में आधुनिक व प्राकृतिक तकनीकों का समावेश कराना था। इस तरह के आयोजन किसानों को जोड़ने और उन्हें प्रेरित करने के सशक्त माध्यम हैं।

इस अवसर पर किसानों को घरेलू उपायों से फसल की बीमारियों की रोकथाम के तरीके भी बताए गए, ताकि वे महंगी दवाइयों पर निर्भर रहने से बच सकें। इसके अतिरिक्त, विशेषज्ञों ने किसानों को ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद खरीदने के बारे में भी सलाह दी।

कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने कृषि विज्ञान केंद्र से आए सभी विशेषज्ञों का धन्यवाद किया और सभी स्थानीय किसानों का भी आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से यह छोटा मगर सार्थक प्रयास सफल हुआ।

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