हिमाचल प्रदेश में पुलिस महानिदेशक (DGP) के पद को लेकर हलचल तेज हो गई है। मौजूदा डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा का कार्यकाल 31 मई 2025 को समाप्त हो रहा है। इसके बाद प्रदेश को नया पुलिस प्रमुख मिलेगा। इसको लेकर सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और चयन प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
गृह विभाग की ओर से इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जा चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डीजीपी पद के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल तैयार कर राज्य सरकार को भेजा गया है। ये तीनों अधिकारी पुलिस विभाग में उच्च अनुभव और योग्यताओं से लैस हैं।
अब अगला कदम यह है कि राज्य सरकार इस पैनल को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को भेजेगी। यूपीएससी इन अधिकारियों की पात्रता, वरिष्ठता, सेवा रिकॉर्ड और अन्य मापदंडों के आधार पर गहन जांच करेगा। इसके बाद ही आयोग सरकार को नए डीजीपी के चयन के लिए अपनी सिफारिशें भेजेगा।
यह पूरी प्रक्रिया समयबद्ध होती है, लेकिन इसमें कुछ सप्ताह लग सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार 1 जून से पहले नया डीजीपी नियुक्त करने की दिशा में काम कर रही है ताकि कार्य में कोई बाधा न आए।
इस बार जिन तीन अधिकारियों के नाम चर्चा में हैं, उनमें पुलिस विभाग के अनुभवी और बेदाग छवि वाले अधिकारी शामिल हैं। यह देखा जाएगा कि कौन अधिकारी राज्य की वर्तमान कानून-व्यवस्था, नशा विरोधी अभियान, महिला सुरक्षा और साइबर क्राइम जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सबसे उपयुक्त है।
हिमाचल प्रदेश में डीजीपी पद की अहम भूमिका होती है, क्योंकि यह न केवल पुलिस प्रशासन का संचालन करता है, बल्कि जनता के साथ विश्वास बनाए रखने की भी जिम्मेदारी निभाता है।
डॉ. अतुल वर्मा ने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिनमें नशे के खिलाफ सख्त अभियान, ट्रैफिक नियंत्रण और पुलिसिंग को आधुनिक बनाने की दिशा में कदम शामिल हैं। अब देखना है कि उनका उत्तराधिकारी इस विरासत को किस तरह आगे बढ़ाता है।
नए डीजीपी को राज्य में शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण बनाए रखने, युवाओं को अपराध से दूर रखने, और तकनीकी रूप से सशक्त पुलिस बल खड़ा करने जैसे कार्यों पर फोकस करना होगा।