मानव अधिकार मंच कसौली एवं छावनी परिषद कसौली के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार  को एक विशेष रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस आयोजन में एमएमयू की टीम ने मुख्य भूमिका निभाई और स्थानीय जनता ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

यह शिविर कसौली में सामाजिक एकजुटता और मानवता की मिसाल बनकर सामने आया। इस रक्तदान शिविर में लगभग 50 लोगों ने भाग लिया, जिनमें से 29 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। यह रक्त जरूरतमंद मरीजों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

शिविर का उद्घाटन डॉ तरुण संधू जी ने किया, जो अपनी 9 सदस्यीय मेडिकल टीम के साथ मौजूद रहे। उन्होंने ना सिर्फ रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया, बल्कि रक्तदान के वैज्ञानिक और मानवीय महत्व को भी विस्तार से समझाया।

डॉ संधू ने कहा, “रक्तदान सबसे बड़ा दान है, जिससे किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए।” उनकी प्रेरणादायक बातों ने युवाओं को भी इस पुण्य कार्य में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

मानव अधिकार मंच की ओर से वंद्नानंद और  जग भूषण आनंद जी ने शिविर में विशेष उपस्थिति दर्ज की और रक्तदाताओं का सम्मान किया। उन्होंने रक्तदाताओं को प्रमाण-पत्र और स्मृति चिह्न भी प्रदान किए।

छावनी परिषद कसौली के अधिकारियों ने भी इस आयोजन को सफल बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी की सहभागिता और प्रयासों से यह रक्तदान शिविर एक प्रेरणादायक सामाजिक पहल बन गया।

इस शिविर का उद्देश्य केवल रक्त एकत्र करना नहीं था, बल्कि समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाना भी था। एमएमयू की टीम ने शिविर स्थल पर लोगों को रक्तदान के फायदे बताए और साथ ही यह भी जानकारी दी कि नियमित रक्तदान से शरीर में रक्त निर्माण की प्रक्रिया और अधिक सक्रिय होती है।

मानव अधिकार मंच कसौली और छावनी परिषद कसौली ने अंत में सभी रक्तदाताओं, डॉक्टरों और एमएमयू की पूरी टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।

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