20 जून से 22 जून, 2025 तक सोलन में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय मां शूलिनी मेले में इस वर्ष एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त एवं मेला अधिकारी राहुल जैन ने जानकारी दी है कि जन सुरक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस बार मेले में प्लास्टिक, पॉलीथीन और थर्माकोल से बने उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है और सभी संबंधित विभागों को इसके पालन के निर्देश दिए गए हैं। मेले के दौरान भण्डारों में उपयोग होने वाले कप, प्लेट, बैग, पानी की बोतलें आदि यदि प्लास्टिक या थर्माकोल से बने होंगे, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
उपमंडलाधिकारी सोलन से अनुमति प्राप्त करना सभी भण्डारा आयोजकों के लिए अनिवार्य किया गया है। बिना अनुमति के कोई भी सार्वजनिक भण्डारा आयोजित नहीं किया जा सकेगा। अनुमति के साथ यह सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा कि प्लास्टिक का प्रयोग न हो।
राहुल जैन ने बताया कि आयोजक यह सुनिश्चित करेंगे कि भण्डारों में केवल स्थानीय तौर पर निर्मित पतल (पत्तों की थाली), डूना (पत्तों के कटोरे), और कागज़ से बने विकल्प ही उपयोग में लाए जाएं। यह कदम न केवल पर्यावरण के लिए हितकारी है, बल्कि स्वच्छता और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इन नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित आयोजकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। मेले के सफल संचालन के लिए यह आवश्यक है कि हर नागरिक और भण्डारा आयोजक प्रशासन के इन निर्देशों का पालन करें।
इस निर्णय का उद्देश्य है मेले को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल बनाना, जिससे न केवल स्थानीय लोग बल्कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु भी एक सकारात्मक संदेश लेकर जाएं।
यदि आप इस वर्ष शूलिनी मेले में भण्डारा आयोजित करने की योजना बना रहे हैं, तो प्रशासन से अनुमति लेना न भूलें और प्लास्टिक मुक्त आयोजन कर समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत करें।